साइना नेहवाल जीवन परिचय | Saina Nehwal Biography in Hindi

साइना नेहवाल | जीवनी, परिवार, उम्र, पति, कोच, पदक, उपलब्धियां और बैडमिंटन करियर

साइना नेहवाल कौन है? (Who is Saina Nehwal?)

साइना नेहवाल एक ऐसा नाम है जिससे आज शायद ही कोई परिचित नहीं होगा. साइना नेहवाल एक भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और वह बैडमिंटन की नंबर वन खिलाड़ी रह चुकी हैं. इसके अलावा वह ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली शटलर हैं. 17 मार्च, 1990 भारत के हरियाणा के हिसार में जन्मी साइना नेहवाल ने न केवल भारत में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रही हैं.

आज, वह महत्वाकांक्षी एथलीटों, खासकर महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, जो बड़े सपने देखना चाहती हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहती हैं. बैडमिंटन स्टार बनने का साइना का सफर छोटी उम्र में ही शुरू हो गया था. उन्होंने खेलों में कम उम्र से ही रुचि दिखाई और अपने माता-पिता के सहयोग से बैडमिंटन खेलना शुरू किया. जल्द ही उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और वह जल्द ही भारतीय बैडमिंटन सर्किट के शीर्ष पर पहुंच गईं. विभिन्न जूनियर स्तर के टूर्नामेंटों में उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन ने उन्हें पहचान दिलाई.

उन्होंने लगातार अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाया और खेल के शिखर तक पहुँचने में कामयाब रही. उन्होंने अपने करियर में कई पुरस्कार और सम्मान अर्जित किए हैं. लंदन 2012 ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर, साइना ओलंपिक में बैडमिंटन में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. साइना नेहवाल की उपलब्धियों की शानदार सूची ओलंपिक तक ही सीमित नहीं है. उनके नाम कई खिताब और पदक हैं, जिनमें राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों में स्वर्ण पदक शामिल हैं.

नेहवाल की सफलता ने उन्हें महिला एकल बैडमिंटन रैंकिंग में शीर्ष पर पहुँचा दिया है, जिससे वह देश की सबसे सफल और प्रतिष्ठित एथलीटों में से एक बन गई हैं. कोर्ट पर अपने प्रदर्शन के अलावा साइना अपने खेल के प्रति समर्पण के लिए भी जानी जाती हैं. जीत और हार में उनकी विनम्रता और शालीनता बरकरार रहती है. आज के लेख में हम साइना नेहवाल की जीवनी, उनके बैडमिंटन करियर, परिवार, उनकी शिक्षा, पुरस्कार, पदक और उनके जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बात करेंगे.

साइना नेहवाल की जीवनी (Saina Nehwal Biography)

पेशा (Profession)

बैडमिंटन खिलाड़ी, राजनीतिज्ञ

जन्म (Birth)

17 मार्च 1990

जन्मस्थान (Birthplace)

हिसार, हरियाणा, भारत

पिता का नाम (Father Name)

हरवीर सिंह नेहवाल

माता का नाम (Mother Name)

उषा नेहवाल

भाईबहन (Siblings)

चंद्रांशु नेहवाल

वैवाहिक स्थिति (Marrital Status)

विवाहित

पति/जीवनसाथी (Husban/Spouse)

परुपल्ली कश्यप (पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी)

बच्चे (Children)

NA

उम्र (Age)

34 वर्ष (2024)

कोच (Coach)

पुलेला गोपीचंद

डेब्यू (Debut)

2006 (विश्व चैंपियनशिप)

शिक्षा (Education)

 

भारतीय विद्या भवन पब्लिक स्कूल, हैदराबाद

सेंट ऐन कॉलेज फॉर विमेन, हैदराबाद

राष्ट्रीयता (Nationality)

भारतीय

धर्म (Religion)

हिंदू धर्म

ऊंचाई (Height)

1.65 मीटर (लगभग)

वजन (Weight)

60 किलोग्राम (लगभग)

आंखों का रंग (Eye Colour)

भूरा

बालों का रंग (Hair Colour)

काला

राजनीतिक दल (Political Party)

भाजपा (भारतीय जनता पार्टी)

पुरस्कार (Awards)

अर्जुन पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न, पद्म श्री, पद्म भूषण और अन्य

साइना नेहवाल का प्रारंभिक जीवन (Saina Nehwal Early Life)

साइना नेहवाल एक बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. 17 मार्च 1990 को भारत के हरियाणा के हिसार में जन्मी साइना हरवीर सिंह नेहवाल और उषा नेहवाल की दूसरी बेटी हैं. साइना की बड़ी बहन चंद्रांशु नेहवाल हैं. चंद्रांशु नेहवाल ने भी साइना की बैडमिंटन में रुचि का समर्थन किया था. साइना नेहवाल का जन्म एक ऐसे राज्य में हुआ था जहां उस समय कन्या भ्रूण हत्या और भेदभाव अक्सर देखा जाता था. इसके कारण उन्हें अपने परिवार में कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा.

उन्हें जन्म के समय ऐसे भेदभाव का सामना करना पड़ा जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते. कुछ स्रोतों के आधार पर कहा जाता है कि साइना नेहवाल के जन्म के बाद उनकी दादी ने उन्हें एक महीने तक देखा भी नहीं था. लेकिन किसी को नहीं पता था कि हरियाणा की यह बेटी आगे चलकर विश्व स्तर पर पहचान बनाएगी.

साइना नेहवाल की शिक्षा (Saina Nehwal Education)

साइना नेहवाल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सीसीएस एचएयू, हिसार से पूरी की. इसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए हैदराबाद के भारतीय विद्या भवन पब्लिक स्कूल में दाखिला लिया. उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई हैदराबाद के सेंट ऐन कॉलेज फॉर विमेन से की है.

साइना नेहवाल का विवाह (Saina Nehwal Marriage)

साइना नेहवाल की शादी उनके निजी जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है. उन्होंने साथी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पारुपल्ली कश्यप से शादी की है. इस जोड़े ने 14 दिसंबर, 2018 को एक निजी समारोह में शादी की थी.

साइना और पारुपल्ली कश्यप की शादी न केवल उनके निजी जीवन का हिस्सा है, बल्कि इसने दोनों एथलीटों के बीच के बंधन को भी मजबूत किया है. उन्होंने अपने-अपने बैडमिंटन करियर में एक-दूसरे का समर्थन और प्रोत्साहन करना जारी रखा है, जिससे वे खेल की दुनिया में एक प्रमुख और सम्मानित जोड़ी बन गए है.

साइना नेहवाल का शुरुआती करियर (Saina Nehwal Initial Career)

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि साइना ने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया है. लेकिन उनके माता-पिता हमेशा उनके साथ खड़े रहे. साइना को बैडमिंटन से उनके माता-पिता हरवीर सिंह और उषा रानी ने परिचित कराया था. साइना की मां और पिता दोनों ही बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं. जब उनकी मां स्थानीय क्लब में खेलने जाती थीं, तो साइना भी उनके साथ जाती थीं.

यहीं पर उनकी बैडमिंटन में रुचि उभरी. हालांकि वहां ट्रेनिंग की कोई सुविधा नहीं थी. इसलिए उनके पिता ने उन्हें कराटे में दाखिला दिला दिया. इसके बाद नेहवाल के पिता को काम के चलते हैदराबाद आना पड़ा. इसलिए साइना भी अपने परिवार के साथ हैदराबाद आ गईं. यहां नेहवाल ने अपने जीवन के शुरुआती साल बिताए और शिक्षा प्राप्त की. यहां उन्हें आंध्र प्रदेश के स्पोर्ट्स अथॉरिटी के बैडमिंटन कोच पीएसएस नानी प्रसाद राव ने देखा और उनकी प्रतिभा को पहचाना.

अपनी बेटी की प्रतिभा को पहचानते हुए साइना के पिता ने भी अपनी बेटी को बैडमिंटन में करियर बनाने की इजाजत दे दी. हालांकि, शुरुआती ट्रेनिंग के दौरान उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या तेलुगु भाषा की थी. लेकिन फिर भी हरियाणा की लाडली साइना नेहवाल ने सभी चुनौतियों को आसानी से पार कर लिया.

साइना नेहवाल का बैडमिंटन करियर (Saina Nehwal Badminton Career)

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि नेहवाल ने 8 साल की उम्र में खेलना शुरू कर दिया था. साइना ने 16 साल की उम्र में 2006 में फिलीपींस ओपन का खिताब जीता और पहली भारतीय शटलर बनीं. उसी साल उन्होंने BWF वर्ल्ड कप जीता. उन्होंने जूनियर चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया. हालांकि, वह खिताब जीतने से चूक गईं और उपविजेता रहीं. 2008 में साइना ओलंपिक खेलों के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं.

हालांकि, वह क्वार्टर फाइनल नहीं जीत सकीं. उसी साल उन्होंने 2008 योनेक्स चाइनीज ताइपे ओपन का खिताब जीता. इसके बाद वह दिसंबर 2008 में वर्ल्ड सुपर सीरीज के सेमीफाइनल में पहुंचीं. इसी सिलसिले में उन्होंने इंडोनेशियाई ओपन का खिताब जीता और एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया. 2010 में उन्होंने नई दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला एकल स्पर्धा में हिस्सा लिया और स्वर्ण पदक जीता.

हालांकि 2011 में वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाईं. 2011 में कोरिया ओपन में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद साइना ने चीन की दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी वांग शिजियान को हराकर स्विस ओपन का खिताब जीता. इसी सिलसिले में उन्होंने थाईलैंड की रत्चानोक इंतानोन को हराकर थाईलैंड ओपन ग्रां प्री गोल्ड जीता. 17 जून 2012 को उन्होंने अपने करियर का तीसरा इंडोनेशिया ओपन खिताब जीता.

इस प्रतियोगिता में उन्होंने चीनी दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी ली जुएरुई को हराकर इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज जीती. इसके बाद अगस्त 2012 में लंदन ओलंपिक में उन्होंने कांस्य पदक जीता. यह जीत उनके करियर का अहम पल बन गया. इस जीत के बाद वह ओलंपिक में बैडमिंटन में पदक जीतने वाली पहली महिला बनीं और कर्णम मल्लेश्वरी के बाद कोई भी पदक जीतने वाली दूसरी महिला भी बनीं.

इसी साल उन्होंने डेनमार्क ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर भी जीता. उनका करियर शिखर पर पहुंचने लगा और वह विश्व नंबर 1 रैंकिंग हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. 2016 में साइना नेहवाल से काफी उम्मीदें थीं, हालांकि, उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. दो साल बाद उन्होंने फिर जबरदस्त प्रदर्शन किया. साइना ने 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता.

हालांकि ओलंपिक में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था, लेकिन उन्होंने 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में इसकी भरपाई कर दी. इसके बाद वह फाइनल में पहुंचीं. फाइनल में साइना को ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु से चुनौतीपूर्ण मुकाबला करना पड़ा, जो कोई आसान काम नहीं था.

उसी वर्ष, वह 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में बैडमिंटन एशियाई पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. हालांकि, 2018 का अंत उनके लिए अच्छा नहीं रहा, क्योंकि साइना को फ्रेंच ओपन के क्वार्टर फाइनल और डेनमार्क ओपन के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा. 2018 में, वह BWF रैंकिंग में 9वें स्थान पर थीं.

साइना नेहवाल के पदक (Saina Nehwal Medals)

•  2006 राष्ट्रमंडल खेल, मेलबर्न – कांस्य पदक

•  2007 राष्ट्रीय खेल, गुवाहाटी – स्वर्ण पदक

•  2010 राष्ट्रमंडल खेल (मिश्रित टीम) – स्वर्ण पदक

•  2010 राष्ट्रमंडल खेल, दिल्ली – कांस्य पदक

•  2012 लंदन ओलंपिक (महिला एकल) – कांस्य पदक

•  2014 एशियाई खेल – कांस्य पदक

•  2015 विश्व चैंपियनशिप, जकार्ता – रजत पदक

•  2017 विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप, ग्लासगो – कांस्य पदक

•  2018 राष्ट्रमंडल खेल (महिला एकल) – स्वर्ण पदक

•  2018 राष्ट्रमंडल खेल (मिश्रित टीम) – स्वर्ण पदक

•  2018 एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप – कांस्य पदक

ध्यान दें: साइना नेहवाल ने इनके अलावा अन्य पदक भी अपने नाम किये है.

साइना नेहवाल के नाम कुछ रिकॉर्ड (Records)

•  साइना नेहवाल ने 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता और बैडमिंटन में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं.

•  साइना विश्व जूनियर बैडमिंटन खिताब जीतने वाली पहली भारतीय हैं.

•  उन्होंने इंडोनेशियाई ओपन, ऑस्ट्रेलियन ओपन और चाइना ओपन सहित कई सुपर सीरीज खिताब जीते हैं.

•  साइना नेहवाल 4-स्टार फिलीपींस ओपन टूर्नामेंट जीतने वाली सबसे कम उम्र की एशियाई खिलाड़ी हैं.

•  साइना ने 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला एकल बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीता है.

•  2015 में, वह दुनिया के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित बैडमिंटन टूर्नामेंटों में से एक, ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुँची.

•  साइना नेहवाल ने 2015 में महिला एकल बैडमिंटन में दुनिया की नंबर 1 रैंकिंग हासिल की, जिससे वह इस खेल में यह शीर्ष रैंकिंग हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं.

•  साइना नेहवाल ने 2009 में इंडोनेशियाई ओपन जीतकर BWF सुपर सीरीज़ का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया.

•  साइना 2018 एशियाई खेलों में बैडमिंटन में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं.

•  साइना एशियाई सैटेलाइट बैडमिंटन टूर्नामेंट दो बार जीतने वाली पहली खिलाड़ी हैं.

पुरस्कार एवं सम्मान (Awards & Honors)

•  वर्ष का सबसे होनहार खिलाड़ी – 2008

•  अर्जुन पुरस्कार – 2009

•  बीबीसी स्पोर्ट्सवुमन ऑफ द ईयर – 2009

•  पद्म श्री – 2010

•  राजीव गांधी खेल रत्न – 2010

•  सीएनएन-आईबीएन इंडियन ऑफ द ईयर (खेल) – 2010

•  फिक्की स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर – 2010

•  एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर – 2010

•  बिग स्टार मोस्ट एंटरटेनिंग स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर – 2015

•  पद्म भूषण – 2016

साइना नेहवाल के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य (Some Intresting Facts About Saina Nehwal)

•  साइना को अपने शुरुआती दिनों में बहुत संघर्षों का सामना करना पड़ा. कथित रूप से साइना के जन्म के बाद भी उनकी दादी ने उन्हें एक महीने तक नहीं देखा था.

•  साइना नेहवाल को शुरू में कराटे में दिलचस्पी थी और उन्होंने बैडमिंटन में जाने से पहले इस खेल की ट्रेनिंग भी शुरू की थी.

•  साइना का जन्म हरियाणा के हिसार में हुआ था, लेकिन बाद में उनके पिता को काम के लिए हैदराबाद, तेलंगाना जाना पड़ा, इसलिए वह अपने परिवार के साथ हैदराबाद चली गईं.

•  साइना नेहवाल ने कराटे में ब्राउन बेल्ट हासिल की थी.

•  साइना सुपर सीरीज का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं. उन्होंने 2009 में बैडमिंटन में इंडोनेशिया ओपन का खिताब जीता था.

•  साइना नेहवाल स्वाभाविक रूप से बाएं हाथ से खेलती हैं, लेकिन उनके कोच पुलेला गोपीचंद ने उन्हें दाएं हाथ से बैडमिंटन खेलना सिखाया.

•  साइना दो बहनों में सबसे बड़ी हैं और उनकी बड़ी बहन अबू चंद्रांशु नेहवाल भी एक पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी हैं.

•  साइना ने महज चार साल की उम्र में अपने जूतों के फीते खुद बांधना सीख लिया था.

•  साइना सबसे कम उम्र की एशियाई जूनियर चैंपियन हैं. उन्होंने 2004 में 14 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी.

•  साइना 2008 बीजिंग ओलंपिक में ओलंपिक बैडमिंटन स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला थीं.

•  पुलेला गोपीचंद की अकादमी में जाने से पहले उन्होंने हैदराबाद के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में नानी प्रसाद के अधीन प्रशिक्षण लिया.

•  साइना नेहवाल को 2016 में घुटने में चोट लग गई थी, जिससे उनका करियर खतरे में पड़ गया था.

•  उनके पिता हरवीर सिंह और उनकी माँ उषा नेहवाल पूर्व राज्य स्तरीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं.

•  साइना नेहवाल की जीवन कहानी को “साइना” नामक एक जीवनी खेल ड्रामा फिल्म में रूपांतरित किया गया था. यह फिल्म 2021 में रिलीज़ हुई थी और फिल्म में साइना का किरदार परिणीति चोपड़ा ने निभाया था.

•  साइना ने 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता और बैडमिंटन में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं. साइना ने कई ब्रांडो का समर्थन भी किया है.

•  अपने बैडमिंटन करियर के अलावा, साइना नेहवाल के पास कॉमर्स में स्नातक की डिग्री है.

•  घुटने की सर्जरी के बाद, उनके प्रदर्शन में कुछ समय तक उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन उन्होंने मज़बूत वापसी की है.

•  साइना ने अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग टू विन: माई लाइफ़ ऑन एंड ऑफ़ कोर्ट’ शीर्षक से लिखी है.

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निष्कर्ष (Conclusion)

इस लेख में हमने बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल की जीवनी पर चर्चा की है. हरियाणा में साधारण शुरुआत से लेकर विश्व स्तर पर पहचान बनाने वाली एथलीट बनने तक का उनका सफर भारत भर के खिलाड़ियों, खासकर महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है. उन्होंने अपने करियर में प्रतिष्ठित पद्म भूषण और पद्म श्री सहित कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं. वह न केवल एक स्पोर्ट्स स्टार हैं, बल्कि एक रोल मॉडल भी हैं, जिन्हें दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए जाना जाता है. साइना की कहानी बॉलीवुड स्क्रीन पर दिखाई गई है, जिसमें उनके जीवन के बारे में बताया गया है.


अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

भारत की प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने महज आठ साल की उम्र में खेलना शुरू कर दिया था.

साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 को हरियाणा के हिसार में हुआ था.

साइना नेहवाल की आत्मकथा का नाम "Playing to Win: My Life On and Off Court" है.

साइना नेहवाल के गुरु पुलेला गोपीचंद हैं, जो एक पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी और वर्तमान में एक प्रतिष्ठित कोच हैं.

विक्रम सांखला इस ब्लॉग के लेखक है. विक्रम ने सीकर, राजस्थान से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है. विक्रम को इतिहास, खेल, सामान्य ज्ञान, फ़िल्में, अभिनेता, खिलाड़ी आदि विषयों पर लिखने में रुचि है.

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