गोविंदा जीवन परिचय | Govinda Biography in Hindi

गोविंदा | जीवनी, उम्र, फ़िल्में, शिक्षा, परिवार, शादी, पुरुष्कार, दिलचस्प तथ्य और फ़िल्मी करियर

गोविंदा कौन है? (Who is Govinda?)

गोविंदा एक ऐसा नाम है जिससे आज हर कोई परिचित है. गोविंदा एक प्रतिष्ठित बॉलीवुड अभिनेता हैं. गोविंदा का जन्म 21 दिसंबर, 1963 को मुंबई, भारत में गोविंद अरुण आहूजा के रूप में हुआ था. आज वे भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे प्रसिद्ध अभिनेताओं में से एक हैं. वे अपनी कॉमिक टाइमिंग और अभिनय कौशल के लिए जाने जाते हैं. उन्हें कॉमेडी का बादशाह भी कहा जाता है. मनोरंजन उद्योग में गोविंदा का सफर 1980 के दशक के अंत में शुरू हुआ जब उन्होंने शिबू मित्रा निर्देशित फिल्म “इल्जाम” (1986) से अभिनय की शुरुआत की.

शुरुआती संघर्षों का सामना करने के बावजूद, गोविंदा की अभिनय प्रतिभा ने जल्द ही दर्शकों और फिल्म निर्माताओं का ध्यान आकर्षित किया. उनको सफलता बेहद लोकप्रिय फिल्म “आंखें” (1993) से मिली, जिसमें एक जिंदादिल, सड़कछाप युवक का किरदार निभाया था, जिसनें पूरे देश का दिल जीत लिया. गोविंदा को “कुली नंबर 1” (1995), “हीरो नंबर 1” (1997), और “हसीना मान जाएगी” (1999) जैसी फिल्मों में कॉमेडी, डांस और रोमांस के लिए प्रशंसा मिली, जिसने उन्हें एक घरेलू नाम बना दिया और उन्हें एक कॉमिक किंग के रूप में जाना जाने लगा.

गोविंदा का ऑन-स्क्रीन व्यक्तित्व शरारत और मासूमियत के एक रमणीय मिश्रण के लिए जाना जाता है, जिसने उन्हें सभी उम्र के दर्शकों का प्रिय बना दिया है. चाहे वह उनके डांस मूव्स हों, ट्रेडमार्क एक्सप्रेशन हों या हंसी हो, गोविंदा में लाखों लोगों का मनोरंजन करने और उन्हें खुश करने की अनोखी क्षमता थी. अपनी कॉमेडी भूमिकाओं के अलावा, गोविंदा ने “स्वर्ग” (1990), “शोला और शबनम” (1992), और “बड़े मियाँ छोटे मियाँ” (1998) जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया है.

अपने करियर में उतार-चढ़ाव का सामना करने के बावजूद, गोविंदा का सिनेमा के प्रति जुनून कभी कम नहीं हुआ. पारिवारिक ड्रामा में प्यारे ‘प्रेम’ का किरदार निभाने से लेकर एक्शन फिल्मों में अपनी भूमिका निभाने तक, गोविंदा ने हर भूमिका में शानदार प्रदर्शन किया है. अपने अभिनय कौशल के अलावा, गोविंदा का भारतीय सिनेमा में योगदान उनके नृत्य कौशल तक फैला हुआ है. उन्हें बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ डांसरों में भी गिना जाता है. गोविंदा के प्रतिष्ठित डांस नंबर जैसे “मैं तो रस्ते से जा रहा था” और “सरकाये लियो खटिया” दर्शकों की यादों में बसे हुए हैं, जिन्हें आज भी याद किया जाता है.

पर्दे पर अपनी उपलब्धियों के अलावा, गोविंदा ने राजनीति में भी कदम रखा है और 2004 से 2009 तक संसद सदस्य के रूप में कार्य किया है. राजनीति में प्रवेश करने के बावजूद, गोविंदा ने अपने अभिनय करियर पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखा और “पार्टनर” (2007) और “भागम भाग” (2006) जैसी फिल्मों में यादगार प्रदर्शन के साथ सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की है.

गोविंदा का भारतीय सिनेमा में योगदान अतुलनीय है और गोविंदा बॉलीवुड की समृद्ध टेपेस्ट्री का एक अभिन्न हिस्सा बने हुए हैं. इस लेख में, हम अभिनेता गोविंदा की जीवनी के बारे में बात करने जा रहे हैं. हम उनके शुरुआती जीवन, शिक्षा, परिवार, विवाह, बच्चों, पत्नी, बेटे, बेटी, नेट वर्थ, फिल्में, फिल्मी करियर और उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में भी बात करने जा रहे हैं. तो दोस्तों, बिना किसी देरी के चलिए शुरू करते हैं.

गोविंदा

अभिनेता गोविंदा की जीवनी (Actor Govinda Biography)

पेशा (Profession)

अभिनेता, राजनीतिज्ञ, हास्य अभिनेता

पूरा नाम (Full Name)

गोविंद अरुण आहूजा

जन्म (Birth)

21 दिसंबर 1963

जन्मस्थान (Birthplace)

मुंबई, महाराष्ट्र, भारत

पिता का नाम (Father Name)

अरुण कुमार आहूजा

माता का नाम (Mother Name)

निर्मला देवी

भाईबहन (Siblings)

 

कीर्ति कुमार (भाई)

पद्मा आहूजा, पुष्पा आहूजा और कामिनी खन्ना (बहनें)

वैवाहिक स्थिति (Marrital Status)

विवाहित

पत्नी/जीवनसाथी (Wife/Spouse)

सुनीता आहूजा

बच्चे (Children)

 

यशवर्धन आहूजा (पुत्र)

टीना आहूजा (पुत्री)

उम्र (Age)

61 वर्ष (2024 तक)

कुल संपत्ति (Net Worth)

(लगभग) $18 मिलियन

उपनाम (Nickname)

ची ची, हीरो नंबर 1, कॉमेडी का बादशाह

शिक्षा (Education)

अन्नासाहेब वर्तक कॉलेज, महाराष्ट्र

पहली फिल्म (First Film)

इल्जाम (1986)

राष्ट्रीयता (Nationality)

भारतीय

धर्म (Religion)

हिंदू धर्म

ऊंचाई (Height)

5 फीट 8 इंच/1.73 मीटर (लगभग)

वजन (Weight)

85 किलोग्राम/187 पाउंड (लगभग)

आंखों का रंग (Eye Colour)

गहरा भूरा

बालों का रंग (Hair Colour)

काला

कार संग्रह (Cars Collection)

मर्सिडीज-बेंज सी-क्लास, हुंडई क्रेटा, मर्सिडीज-बेंज जीएलसी, टोयोटा फॉर्च्यूनर और अन्य

पुरस्कार (Awards)

फिल्मफेयर पुरस्कार, अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार, जी सिने पुरस्कार, अप्सरा फिल्म और टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड पुरस्कार, स्टार स्क्रीन पुरस्कार, स्टारडस्ट पुरस्कार और अन्य

गोविंदा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Govinda Early Life & Education)

गोविंदा का असली नाम गोविंद अरुण आहूजा है. उनका जन्म 21 दिसंबर, 1963 को विरार, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था. वे एक ऐसे परिवार में पले-बढ़े जो फिल्म उद्योग से जुड़ा था. उनके पिता अरुण कुमार आहूजा एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता और निर्माता थे, जबकि उनकी माँ निर्मला आहूजा भी फिल्म उद्योग से जुड़ी थीं. मुंबई में पले-बढ़े गोविंदा छोटी उम्र से ही सिनेमा के संपर्क में थे, जिसने अभिनय के प्रति उनके जुनून को जगाया.

उनके एक भाई और तीन बहनें हैं जिनका नाम क्रमशः कीर्ति कुमार, पद्मा आहूजा, पुष्पा आहूजा और कामिनी खन्ना है. अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बावजूद, गोविंदा का स्टारडम का सफ़र चुनौतियों से भरा नहीं था. उन्हें बचपन और किशोरावस्था के दौरान आर्थिक संघर्षों का सामना करना पड़ा. अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, गोविंदा ने महाराष्ट्र के वसई में अन्नासाहेब वर्तक कॉलेज में उच्च शिक्षा प्राप्त की, जहाँ उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की है.

अपने शुरुआती जीवन में, गोविंदा ने अपने पिता की विरासत और सिल्वर स्क्रीन के आकर्षण से प्रेरित होकर एक अभिनेता बनने का सपना देखा. उन्होंने अपनी प्रतिभा और नृत्य प्रदर्शन के माध्यम से अपने अभिनय कौशल को निखारा. उन्हें बड़ा ब्रेक तब मिला जब उन्होंने फिल्म लव 86 से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की. इसके बाद उन्हें कीर्ति कुमार की फिल्म “इल्ज़ाम” (1986) से व्यापक पहचान मिली.

गोविंदा का व्यक्तिगत जीवन और विवाह (Govinda Personal Life & Marriage)

गोविंदा ने 11 मार्च 1987 को सुनीता आहूजा से शादी की थी. गोविंदा और सुनीता दो बच्चों के माता-पिता हैं, बेटी टीना आहूजा और बेटा यशवर्धन आहूजा. 16 जुलाई 1989 को जन्मी टीना ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए अभिनय में कदम रखा है. उन्होंने 2015 में फिल्म “सेकंड हैंड हसबैंड” से बॉलीवुड में डेब्यू किया और फिल्म इंडस्ट्री में अपना सफर शुरू किया.

गोविंदा की पहली फिल्म (First Movie of Govinda)

अभिनेता गोविंदा ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत फिल्म लव 86 से की थी. “लव 86” 1986 में रिलीज हुई बॉलीवुड रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, जिसका निर्देशन इस्माइल श्रॉफ ने किया था. यह फिल्म तीन दोस्तों की मजेदार हरकतों के बारे में बताती है. फिल्म में गोविंदा, नीलम कोठारी, रोहन कपूर और फराह नाज मुख्य भूमिका में हैं. मुख्य महिला किरदार निभा रहीं नीलम कोठारी ने गोविंदा की प्रेमिका के रूप में शानदार अभिनय किया है. “लव 86” ने दर्शकों का दिल जीत लिया और बॉक्स ऑफिस पर व्यावसायिक रूप से सफल रही. दर्शकों को इसके मजाकिया संवाद भी खूब पसंद आए.

गोविंदा का फ़िल्मी करियर (Govinda Movie Career)

कॉमेडी के बादशाह गोविंदा ने 1986 में फिल्म “लव 86” से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने फिल्म इल्जाम में काम किया और डबल रोल निभाया. इस फिल्म में नीलम कोठारी के साथ जोड़ी बनाकर गोविंदा ने कॉमेडी और डांस में अपनी पहचान बनाई. हालांकि फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर मामूली सफलता मिली, लेकिन गोविंदा के अभिनय की सराहना की गई. इसके बाद गोविंदा कई फिल्मों में नजर आए, जिनमें “लव 86”, “खुदगर्ज” और “हत्या” शामिल हैं.

“लव 86” (1986) में उन्होंने एक बार फिर विक्की का किरदार निभाते हुए नीलम कोठारी के साथ स्क्रीन शेयर की. यह फिल्म एक रोमांटिक कॉमेडी थी, जिसमें गोविंदा की कॉमिक टाइमिंग की खूब तारीफ हुई थी. “खुदगर्ज” में गोविंदा ने शत्रुघ्न सिन्हा और नीलम के साथ कुमार सक्सेना की भूमिका निभाई थी. फिल्म को इसकी कहानी और अभिनय के लिए आलोचकों की प्रशंसा मिली. इसके अलावा गोविंदा ने “हत्या” (1988) में मुख्य भूमिका निभाई थी.

इस सस्पेंस थ्रिलर में उन्होंने नीलम और राकेश रोशन के साथ स्क्रीन साझा की. वर्ष 1988 गोविंदा के करियर का महत्वपूर्ण वर्ष था जिसमें उनकी कई उल्लेखनीय फिल्में रिलीज हुईं. उन्होंने ‘जीते हैं शान से’, ‘तोहफा मोहब्बत का’, ‘दरिया दिल’ और ‘घर में राम गली में श्याम’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया. ‘जीते हैं शान से’ में गोविंदा मिथुन चक्रवर्ती और मंदाकिनी के साथ थे.

यह फिल्म व्यावसायिक रूप से सफल रही. “तोहफा मोहब्बत का” में गोविंदा विजू खोटे और नीलम के साथ मुख्य भूमिका में नजर आये. इसके अतिरिक्त, “घर में राम गली में श्याम” में गोविंदा नीलम और अनुराधा पटेल के साथ अपनी कॉमिक टाइमिंग और बेहतरीन डांस मूव्स दिखाते नजर आए. वर्ष 1988 में उनकी अन्य रिलीज़ फ़िल्मों में प्यार मोहब्बत, हलाल की कमाई, पाप को जलाकर रख दूंगा और शिव शक्ति आदि शामिल हैं. 1989 के दौरान, गोविंदा ने जंगबाज़, बिल्लू बादशाह, दो कैदी, ताकतवर और सच्चाई की शक्ति फिल्मों में काम किया.

“जंगबाज” में गोविंदा ने अर्जुन का किरदार निभाया था, जिसमें उन्होंने डैनी डेन्जोंगपा और अनीता राज के साथ स्क्रीन शेयर किया था. यह फिल्म एक्शन से भरपूर थ्रिलर थी। “बिल्लू बादशाह” में गोविंदा ने नीलम और अनीता राज के साथ विजय की भूमिका निभाई थी. यह फिल्म एक मसाला एंटरटेनर थी. “दो कैदी” में गोविंदा ने नीलम और फरहा के साथ कनु की भूमिका निभाई थी.

हालांकि, फिल्म को मिश्रित समीक्षाएं मिलीं. फिल्म “ताक़तवर” में गोविंदा जॉन की भूमिका में संजय दत्त और अनीता राज के साथ हैं. यह फिल्म न्याय और बदले की थीम पर आधारित है. इसके अलावा, “द पॉवर ऑफ ट्रुथ” में गोविंदा ने सागर सिंह की भूमिका निभाई और उन्होंने राज कुमार और अनीता राज के साथ स्क्रीन शेयर की और बेहतरीन अभिनय किया, जिससे उन्हें आलोचकों की प्रशंसा मिली. वर्ष 1989 में, उन्हें दोस्त गरीबों का, फ़र्ज़ की जंग, जैसी करनी वैसी भरनी और पाप का अंत जैसी फ़िल्मों में भी देखा गया.

गोविंदा के फ़िल्मी करियर में तब बहुत तेज़ी देखी गई, जब उन्होंने कई तरह की भूमिकाएँ और यादगार अभिनय किए. 1990 के दशक में गोविंदा कई फ़िल्मों में नज़र आए, जिनमें राजेश खन्ना और जूही चावला के साथ “स्वर्ग” भी शामिल है. इस फ़िल्म को सकारात्मक समीक्षा मिली. उसी वर्ष, उन्होंने अनिल कपूर और मीनाक्षी शेषाद्रि के साथ “आवारगी” में अभिनय किया, जो एक रोमांटिक ड्रामा था.

गोविंदा को उनकी स्क्रीन प्रेजेंस और फिल्म में हास्य और नाटकीय भूमिकाओं के लिए सराहा गया. उसी वर्ष वे तकदीर का तमाशा, नया खून, इज्जतदार और अपमान की आग में दिखाई दिए. 1991 में, उन्होंने “भाभी” और “हम” जैसी फिल्मों से दर्शकों का मनोरंजन किया.

इन फिल्मों में उन्होंने अनुपम खेर, रजनीकांत और अमिताभ बच्चन जैसे प्रशंसित अभिनेताओं के साथ स्क्रीन साझा की. खास तौर पर “हम” एक ब्लॉकबस्टर हिट रही, जिससे गोविंदा को आलोचकों की प्रशंसा मिली. किमी काटकर और शिल्पा शिरोडकर जैसे सह-कलाकारों के साथ उनकी शानदार केमिस्ट्री को एक बार फिर सराहा गया. उसी साल उनकी अन्य रिलीज़ में कर्ज़ भी शामिल थी.

1990 के दशक के आगे बढ़ने के साथ गोविंदा की स्टार पावर बढ़ती गई और उन्होंने एक के बाद एक हिट फ़िल्में दीं. 1992 में, उन्होंने धर्मेंद्र और किमी काटकर के साथ “ज़ुल्म की हुकूमत” में अभिनय किया, जिसमें उन्होंने अपने एक्शन-हीरो अवतार को दिखाया.

उसी साल, गोविंदा ने शोला और शबनम, राधा का संगम, नाच गोविंदा नाच और जान से प्यारा फ़िल्मों में अभिनय किया. इसके बाद गोविंदा ने “आँखें” और “शोला और शबनम” जैसी फ़िल्मों से अपने करियर को आगे बढ़ाया. इसमें उनके साथ चंकी पांडे और दिव्या भारती जैसे प्रतिभाशाली सह-कलाकार थे.

वर्ष 1993 में उन्होंने मुकाबला, ज़ख्मों का हिसाब और आदमी खिलौना है जैसी फ़िल्मों में काम किया. वर्ष 1994 गोविंदा के करियर का एक महत्वपूर्ण वर्ष था, जिसमें “राजा बाबू” और “अंदाज़” जैसी फ़िल्मों ने बॉक्स ऑफ़िस पर दबदबा बनाया. करिश्मा कपूर और जूही चावला जैसी प्रमुख अभिनेत्रियों के साथ उनके सहयोग ने दशक के कुछ सबसे यादगार प्रदर्शन किए. उनकी कॉमेडी फिल्म राजा बाबू ने व्यापक प्रशंसा हासिल की.

सभी आयु वर्ग के दर्शकों के साथ जुड़ने वाले उनके व्यवहार ने उन्हें घर-घर में जाना जाने वाला नाम बना दिया. इसके अलावा उन्होंने इक्का राजा रानी, ​​बेटा हो तो ऐसा और अंदाज अपना अपना में भी काम किया. 1995 में, गोविंदा ने “कुली नंबर 1” और “गैम्बलर” जैसी फिल्मों के साथ बॉलीवुड में अपना करियर जारी रखा.

विशेष रूप से, “कुली नंबर 1”, एक बड़ी व्यावसायिक सफलता के रूप में उभरी. इस अवधि के दौरान, करिश्मा कपूर, कादर खान और शक्ति कपूर जैसे प्रतिभाशाली सह-कलाकारों के साथ गोविंदा के सहयोग से ऐसे प्रतिष्ठित ऑन-स्क्रीन क्षण सामने आए, जिन्हें दर्शक आज भी याद करते हैं. इसके बाद गोविंदा ने हथकड़ी, आंदोलन और किस्मत फिल्मों में अभिनय किया.

1996 में गोविंदा ने करिश्मा कपूर और तब्बू के साथ फिल्म “साजन चले ससुराल” में काम किया. यह एक कॉमेडी फिल्म थी जिसमें उनकी कॉमिक टाइमिंग और ऑन-स्क्रीन प्रेजेंस की सराहना की गई. फिल्म व्यावसायिक रूप से सफल रही. इसके बाद उसी साल वे अपने दाम पर, माहिर और छोटे सरकार जैसी फिल्मों में भी नजर आए. 1997 में गोविंदा ने “दीवाना मस्ताना” और “हीरो नंबर 1” जैसी फिल्मों से दर्शकों का मनोरंजन करना जारी रखा.

“दीवाना मस्ताना” में उन्होंने अनिल कपूर और जूही चावला के साथ काम किया और यादगार अभिनय किया. हास्य भूमिकाओं में उनके सहज अभिनय को दर्शकों ने खूब पसंद किया. दूसरी ओर, “हीरो नंबर 1” में हास्य, रोमांस और दिल को छू लेने वाले पलों से भरी कहानी थी. फिल्म में उनकी सह-कलाकार करिश्मा कपूर के साथ ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ज़बरदस्त थी.

अपने करियर को जारी रखते हुए वे फिल्म बनारसी बाबू, नसीब और लोहा में अभिनय करते नजर आए. वर्ष 1998 में गोविंदा ने “दूल्हे राजा” और “बड़े मियां छोटे मियां” जैसी फिल्मों से सफलता की नई ऊंचाइयां हासिल कीं. “दूल्हे राजा” में एक तेजतर्रार होटल मालिक के रूप में गोविंदा के शानदार अभिनय ने उन्हें व्यापक प्रशंसा दिलाई. उनकी कॉमिक टाइमिंग ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिससे फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट हो गई.

इस बीच, “बड़े मियाँ छोटे मियाँ” में उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ कॉमेडी और एक्शन के बीच सहजता से काम किया. इस फिल्म की सफलता ने गोविंदा को कई पुरस्कार और नामांकन दिलाए. उसी वर्ष उनकी अन्य रिलीज़ फ़िल्मों में आंटी नंबर 1, अचानक, महाराजा, परदेसी बाबू आदि शामिल थीं. 1999 गोविंदा के करियर का एक और महत्वपूर्ण वर्ष था, क्योंकि उन्होंने “हसीना मान जाएगी” और “अनाड़ी नंबर 1” जैसी फ़िल्मों के साथ बॉक्स ऑफ़िस पर अपना दबदबा बनाया. “हसीना मान जाएगी” में गोविंदा ने संजय दत्त और करिश्मा कपूर के साथ स्क्रीन शेयर की और दर्शकों को खूब हंसाया.

इसी तरह, “अनाड़ी नंबर 1” फिल्म दर्शकों को पसंद आई, जिससे फिल्म व्यावसायिक रूप से सफल रही. सहस्राब्दी के मोड़ पर, गोविंदा ने 2000 में “कुंवारा” और “जोरू का गुलाम” जैसी फिल्मों के साथ अपना करियर जारी रखा.

“कुंवारा” में गोविंदा ने एक लापरवाह कुंवारे लड़के का किरदार निभाया. उनकी एक्टिंग ने एक बार फिर दर्शकों को अपना मुरीद बना लिया. वहीं, “जोरू का गुलाम” में उन्होंने हास्य और दिल से भरी कहानी में अपने किरदार को सहजता से निभाया. इन फिल्मों के अलावा साल 2000 में गोविंदा ने हद कर दी आपने, जिस देश में गंगा रहता है और बेटी नंबर 1 जैसी फिल्मों में भी काम किया.

2001 में गोविंदा ने कई फिल्मों में काम किया, जिसमें संजय दत्त और ट्विंकल खन्ना के साथ कॉमेडी फिल्म “जोड़ी नंबर 1” भी शामिल है. इस फिल्म को दर्शकों ने खूब सराहा और गोविंदा की लोकप्रियता में लगातार इज़ाफा हुआ. इसके अलावा, वह सुष्मिता सेन के साथ “क्यों कि…मैं झूठ नहीं बोलता” में भी नज़र आए, जिसमें उन्होंने राज मल्होत्रा ​​का किरदार निभाया था. इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में नामांकन भी मिला था. हालाँकि फिल्म को मिली-जुली समीक्षाएं मिलीं.

मिश्रित समीक्षा प्राप्त करने के बावजूद, गोविंदा के अभिनय को आलोचकों द्वारा सराहा गया. उसी वर्ष उनकी अन्य रिलीज़ फ़िल्मों में दिल ने फिर याद किया और आमदनी अट्ठनी खर्चा रुपैया आदि शामिल थीं. 2002 में, उन्होंने रवीना टंडन के साथ “अखियों से गोली मारे” और रवीना टंडन और प्रीति झंगियानी के साथ “वाह! तेरा क्या कहना” में अभिनय किया.

हालाँकि उस समय उभरते सितारों से कड़ी प्रतिस्पर्धा थी, फिर भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया. इसके अतिरिक्त, गोविंदा रानी मुखर्जी के साथ “चलो इश्क लड़ाए” (2002) में दिखाई दिए. इसके बाद, 2005 में, वह प्रीति जिंटा के साथ “खुल्लम खुल्ला प्यार करें” में दिखाई दिए. 2006 में, गोविंदा की फ़िल्म सैंडविच और भागम भाग रिलीज़ हुई. “भागम भाग” में, गोविंदा ने अक्षय कुमार और लारा दत्ता के साथ कॉमेडी-थ्रिलर में बाबला की भूमिका निभाई. यह फिल्म व्यावसायिक रूप से सफल रही.

अगले वर्ष, गोविंदा ने सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा और अनिल कपूर के साथ कॉमेडी फिल्म “सलाम-ए-इश्क: ए ट्रिब्यूट टू लव” में अभिनय किया. हालाँकि फिल्म को मिश्रित समीक्षा मिली, लेकिन राजू नामक टैक्सी ड्राइवर के रूप में गोविंदा के अभिनय की व्यापक रूप से सराहना की गई. सह-कलाकार प्रियंका चोपड़ा के साथ उनकी केमिस्ट्री की विशेष रूप से प्रशंसा की गई. उसी वर्ष रिलीज़ हुई उनकी एक फिल्म “पार्टनर” थी, जो उस साल की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी. इस फिल्म में गोविंदा ने सलमान खान के साथ काम किया था.

सलमान खान के साथ उनकी कॉमेडी टाइमिंग और केमिस्ट्री की खूब तारीफ हुई, जिसके चलते उन्हें कई पुरस्कार समारोहों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए नामांकन मिला. अगले कुछ सालों में गोविंदा कई फिल्मों में नज़र आए, जिनमें 2008 में “मनी है तो हनी है” और 2009 में “लाइफ पार्टनर” शामिल हैं. हालांकि, इन फिल्मों को मिली-जुली समीक्षाएं मिलीं. इस बीच, उभरते सितारों और बॉलीवुड में बदलते ट्रेंड से चुनौतियों का सामना करने के बावजूद गोविंदा सिल्वर स्क्रीन पर लगातार मौजूद रहे. इसी क्रम में उन्हें रावण (2010) में भी अभिनय करते देखा गया.

2011 में, गोविंदा ने सुनील शेट्टी के साथ कॉमेडी फिल्म “लूट” में अभिनय किया. मिश्रित समीक्षा प्राप्त करने के बावजूद, गोविंदा के अभिनय को इसकी कॉमिक टाइमिंग के लिए सराहा गया. इसके अतिरिक्त, उन्हें युविका चौधरी के साथ “नॉटी@40” में देखा गया. जिसमें उन्होंने एक यादगार प्रदर्शन किया जिसे दर्शकों ने पसंद किया.

उनकी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही. इसके बाद, गोविंदा ने प्रियंका चोपड़ा के साथ “दिल्ली सफ़ारी” (2012) और “दीवाना मैं दीवाना” (2013) में अभिनय किया. उन्होंने दिल्ली सफ़ारी में, बजरंगी बंदर के किरदार को अपनी आवाज़ दी. हालाँकि “दीवाना मैं दीवाना” को रिलीज़ में देरी का सामना करना पड़ा, लेकिन गोविंदा के अभिनय की प्रशंसा की गई.

व्यावसायिक सफलता की कमी के बावजूद दोनों ही फ़िल्में दर्शकों को पसंद आईं. 2014 में गोविंदा सैफ अली खान के साथ “हैप्पी एंडिंग” और रणवीर सिंह और परिणीति चोपड़ा के साथ “किल दिल” फ़िल्म में नज़र आए. “हैप्पी एंडिंग” में गोविंदा ने अपने करियर को फिर से पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रहे एक नए बॉलीवुड अभिनेता की भूमिका निभाई और एक बेहतरीन अभिनय किया.

“किल दिल” में गोविंदा ने एक ख़तरनाक गैंगस्टर भैयाजी की भूमिका निभाई. हालांकि, फ़िल्म को मिले-जुले रिव्यू मिले. साल 2015 में गोविंदा ने “हे ब्रो” के साथ कॉमेडी जॉनर में वापसी की. हालांकि फ़िल्म में उनका एक ख़ास रोल था, लेकिन फ़िल्म ने बॉक्स ऑफ़िस पर औसत प्रदर्शन किया. 2017 में गोविंदा ने कॉमेडी फ़िल्म “आ गया हीरो” में अभिनय किया, जो थोड़े समय के अंतराल के बाद मुख्य अभिनेता के तौर पर सिल्वर स्क्रीन पर उनकी वापसी थी.

हालांकि, यह फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई. इसके बाद के वर्षों में गोविंदा 2018 में “फ्राइडे” और 2019 में “रंगीला राजा” जैसी फिल्मों में दिखाई दिए. “रंगीला राजा” में गोविंदा ने कई पत्नियों वाले एक व्यवसायी की भूमिका निभाई और एक बार फिर हास्य भूमिकाओं के लिए प्रशंसा हासिल की.

फिल्म के मिश्रित स्वागत के बावजूद, फिल्म के प्रदर्शन की प्रशंसा की गई. अपने पूरे करियर के दौरान, गोविंदा ने प्रियंका चोपड़ा, सैफ अली खान और रणवीर सिंह जैसे प्रतिभाशाली सह-कलाकारों के साथ अभिनय किया है, जिसके परिणामस्वरूप दशक के कुछ सबसे यादगार ऑन-स्क्रीन क्षण सामने आए हैं. अपने करियर में चुनौतियों और असफलताओं का सामना करने के बावजूद, गोविंदा का भारतीय फिल्म उद्योग में योगदान एक अभिनेता से कहीं अधिक है.

ध्यान दें: इन फिल्मों के अलावा भी गोविंदा ने अपने करियर में कई फिल्मों में काम किया है.

गोविंदा की कुछ लोकप्रिय फ़िल्में (Some Popular Movies of Govinda)

फिल्म का नाम

वर्ष

भूमिका

इल्जाम

1986

अजय

प्यार करके देखो

1987

रवि कुमार

दोस्त गरीबों का

1989

विजय/बरकत अली

हत्या

1988

सागर

ताकतवर

1989

जॉनी/कुंदन

महासंग्राम

1990

अर्जुन

स्वर्ग

1990

कृष्णा

शोला और शबनम

1992

करण

आंखें

1993

बुन्नू

राजा बाबू

1994

राजा सिंह/राजा बाबू

खुद्दार

1994

श्याम

जुआरी

1995

इंस्पेक्टर दयाशंकर पांडे

कुली नंबर 1

1995

राजू/कुंवर राज प्रताप सिंह

साजन चले ससुराल

1996

श्यामसुंदर

हीरो नंबर 1

1997

राजेश मल्होत्रा

दीवाना मस्ताना

1997

राजा / बुन्नू

बनारसी बाबू

1997

गोपी

नसीब

1997

कृष्ण प्रसाद / किशन

दुल्हे राजा

1998

राजा

बड़े मियाँ छोटे मियाँ

1998

प्यारे मोहन / छोटे मियाँ

हसीना मान जाएगी

1999

मोनू

अनाड़ी नंबर 1

1999

राजा / रवि

कुंवारा

2000

राजू

जिस देश में गंगा रहता है

2000

गंगा

जोड़ी नंबर 1

2001

जय

एक और एक ग्यारह

2003

तारा

भागम भाग  

2006

बबला

सैंडविच

2006

शेखर / शेर सिंह

पार्टनर

2007

भास्कर दिवाकर चौधरी

अभिनेता गोविंदा के पुरुष्कार और सम्मान (Awards & Honors)

•  साजन चले ससुराल (1996) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार

•  हसीना मान जाएगी (1999) के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार

•  दुल्हे राजा (1998) के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के लिए जी सिने पुरस्कार

•  बड़े मियाँ छोटे मियाँ (1998) के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के लिए जी सिने पुरस्कार

•  पार्टनर (2007) के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक भूमिका (पुरुष) के लिए जी सिने पुरस्कार

•  कुली नंबर 1 (1995) के लिए स्टार स्क्रीन पुरस्कार

•  जोड़ी नंबर 1 (2001) के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के लिए अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार

•  पार्टनर (2007) के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के लिए अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार

•  हैप्पी एंडिंग (2014) के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए स्टारडस्ट पुरस्कार

•  किल दिल (2014) के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए स्टारडस्ट पुरस्कार

ध्यान दें: अभिनेता गोविंदा ने इनके अलावा भी कई पुरुष्कार प्राप्त किये है.

राजनीती में गोविंदा का प्रवेश (Political Journey)

मशहूर बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा ने 2004 में राजनीति में प्रवेश किया जब वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. उन्होंने मुंबई उत्तर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. ​​हालांकि के बाद वे चुनाव और राजनीति में सक्रिय रूप से नजर नहीं आए है. अभी हाल ही में उन्होंने शिवसेना में शामिल होने का फैसला किया.

कुल संपत्ति, कार संग्रह और घर (Net Worth, Cars Collection & House)

दोस्तों, अभिनेता गोविंदा ने अपने फिल्मी करियर में कई फिल्मों में काम किया है और हर उम्र के दर्शकों का मनोरंजन किया है. उनकी हंसी से भरी एक्टिंग की वजह से उन्हें कॉमेडी किंग भी कहा जाता है. इन सबके अलावा वह अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल के लिए मशहूर हैं. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी नेट वर्थ 18 मिलियन डॉलर मानी जाती है. गोविंदा अपनी हर फिल्म के लिए करीब 5 से 6 करोड़ रुपये चार्ज करते हैं.

इसके साथ ही वह ब्रांड एंडोर्समेंट के जरिए भी अच्छी खासी कमाई करते हैं. मुंबई के जुहू में उनका एक आलीशान घर है, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये बताई जाती है. इन सबके अलावा गोविंदा के पास कई लग्जरी गाड़ियां भी हैं. उनके कार कलेक्शन में मर्सिडीज-बेंज सी-क्लास, हुंडई क्रेटा, मर्सिडीज-बेंज जीएलसी, टोयोटा फॉर्च्यूनर शामिल हैं. इसके साथ ही उनके पास कई महंगी बाइक भी हैं.

गोविंदा के बारें में कुछ दिलचस्प तथ्य (Some Intresting Facts About Govinda)

•  गोविंदा का असली नाम गोविंद अरुण आहूजा है.

•  उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा महाराष्ट्र के अन्नासाहेब वर्तक कॉलेज से पूरी की थी.

•  गोविंदा एक ऐसे परिवार से हैं जो पहले से ही फिल्म उद्योग से जुड़ा हुआ था. उनके पिता अरुण कुमार आहूजा एक अभिनेता थे और उनकी माँ निर्मला देवी एक गायिका थीं.

•  उनके मामा आनंद सिंह भी एक प्रसिद्ध अभिनेता थे.

•  गोविंदा को प्यार से कई उपनामों से जाना जाता है, जिसमें “ची ची” भी शामिल है.

•  हिंदी सिनेमा के अलावा, गोविंदा ने तमिल और बंगाली फिल्मों सहित कई क्षेत्रीय भारतीय फिल्मों में भी काम किया है.

•  गोविंदा ने 2004 से 2009 तक मुंबई उत्तर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया था.

•  गोविंदा दो बच्चों यशवर्धन और टीना आहूजा के पिता हैं. उनके दोनों बच्चों ने उनके पदचिन्हों पर चलते हुए फिल्म उद्योग में प्रवेश किया है.

•  वह महान अभिनेता धर्मेंद्र के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और वह अपने फैशन सेंस के लिए जाने जाते हैं.

लोगों के दिलों में गोविंदा (Govinda in the heart’s of People)

21 दिसंबर, 1963 को भारत के महाराष्ट्र के विरार में जन्मे गोविंद अरुण आहूजा बॉलीवुड के सबसे प्रतिष्ठित अभिनेताओं में से एक है. उन्होंने अपने अभिनय और फिल्मों से सभी उम्र के दर्शकों का मनोरंजन किया है. गोविंदा की स्टारडम की यात्रा 1980 के दशक के मध्य में शुरू हुई. उनका करियर 1986 में शुरू हुआ जब उन्होंने “इल्ज़ाम” (1986) जैसी फिल्मों से सफलता हासिल की. ​​1980 और 1990 के दशक के दौरान, गोविंदा ने कई ब्लॉकबस्टर हिट के साथ सिल्वर स्क्रीन पर राज किया.

विशेष रूप से निर्देशक डेविड धवन के साथ उनके सहयोग ने कई बॉक्स ऑफिस सफ़लताएँ दीं, जिनमें “आँखें”, “राजा बाबू”, “कुली नंबर 1” और “हीरो नंबर 1” शामिल हैं. गोविंदा की बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग ने उन्हें सभी उम्र के दर्शकों का चहेता बना दिया, जिससे वे पूरे भारत में एक जाना-पहचाना नाम बन गए. गोविंदा का बॉलीवुड में सबसे महत्वपूर्ण योगदान हिंदी फ़िल्मों के सर्वोत्कृष्ट नायक की उनकी नई परिभाषा थी.

भारतीय सिनेमा में प्रचलित पारंपरिक मर्दाना नायकों के विपरीत, गोविंदा ने अपनी भूमिकाओं में बुद्धिमत्ता और भेद्यता का एक ताज़ा मिश्रण जोड़ा है. एक अभिनेता के रूप में गोविंदा की प्रतिभा उनकी विविध फिल्मोग्राफी में पूरी तरह से प्रदर्शित होती है.

अपने अभिनय कौशल के अलावा, गोविंदा ने एक नर्तक के रूप में भी जाना जाता है. गोविंदा के डांस नंबर “मैं तो रास्ते से जा रहा था” और “मोबाइल नंबर क्या है” जैसे गाने आज भी ट्रेंड सेट करते हैं. अपनी सफलता के बावजूद, गोविंदा के करियर में उतार-चढ़ाव आए है. 2000 के दशक की शुरुआत में, उन्हें बॉक्स ऑफिस पर असफलता का सामना करना पड़ा है. लेकिन इसके बाद उन्होंने “पार्टनर” और “भागम भाग” जैसी फिल्मों से वापसी की थी.

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निष्कर्ष (Conclusion)

अंत में, गोविंदा भारतीय फिल्म उद्योग के एक महान अभिनेता हैं, फिल्म उद्योग में जिनका प्रभाव आने वाले कई वर्षों तक बना रहेगा. कॉमेडी के बादशाह के रूप में जाने जाने वाले गोविंदा के डांस मूव्स, कॉमेडी टाइमिंग और स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें कई पीढ़ियों के दर्शकों का चहेता बना दिया है. जिसके कारण उन्हें हिंदी सिनेमा के महान अभिनेताओं में जगह मिली है.


अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

गोविंदा का गांव विरार है, जो महाराष्ट्र में स्थित है. उनका परिवार विरार में रहता था, और वहीं पर उनका बचपन बीता है.

गोविंदा के पिता का नाम अरुण कुमार आहूजा और उनकी माता का नाम निर्मला देवी है.

गोविंदा की पहली फिल्म 'लव 86' है, जो 1986 में रिलीज़ हुई थी.

गोविंदा ने वाणिज्य में स्नातक की डिग्री (B.Com) की है. उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा अन्नासाहेब वर्तक कॉलेज, वसई, मुंबई से पूरी की है.

विक्रम सांखला इस ब्लॉग के लेखक है. विक्रम ने सीकर, राजस्थान से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है. विक्रम को इतिहास, खेल, सामान्य ज्ञान, फ़िल्में, अभिनेता, खिलाड़ी आदि विषयों पर लिखने में रुचि है.

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